Types Of Computer | कंप्यूटर के प्रकार –

घर हो, ऑफिस हो, स्कूल हो या मॉल/ होटल आदि जगह हो, कंप्यूटर आपको हर जगह देखने को मिल जाता है | दोस्तों ऐसा इसलिए है क्योंकि कंप्यूटर एक ऐसा उपकरण से जिसकी सहायता से हम रोज़मर्रा के हजारों कामों को बड़ी आसानी से कर सकते है | और इसलिए ही कंप्यूटर के अलग अलग प्रकारों को इस्तेमाल होना भी स्वभाविक है | कंप्यूटर के प्रकार Types Of Computer नीचे दिए गए है |

दोस्तों आज कल की आम ज़िंदगी का एक अभिन्न अंग कंप्यूटर है, सायद ही यह नाम किसी ने न सुना हो और आज कल के समय में बहुत कम ऐसे लोग होंगे जिन्होंने कंप्यूटर नहीं देखा होगा | 

कंप्यूटर से हिसाब किताब से लेकर ऑनलाइन खरीददारी तक के छोटे बड़े बहुत सारे काम बड़ी सुविधाजनक तरीके से पूर्ण किये जा सकते है | 

Types Of Computer | कंप्यूटर के प्रकार-

कंप्यूटर क्या है? – What is Computer in Hindi –

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है  जो अपनी मैमोरी  मौजूद निर्देशों के आधार पर काम करता है | यह डाटा (इनपुट) को ग्रहण कर उसे तय  नियमों के अनुसार प्रोसेस करके परिणाम निकलता है | और साथ ही उस डाटा को भविष्य के लिए स्टोर भी  है | कंप्यूटर में मुख्य रूप से दो डाटा होते है जिनपर वह काम करता है – इनपुट डाटा और आउटपुट डाटा | 

कंप्यूटर के प्रकार ( Types of Computer) – 

दोस्तों जैसा की हमने बताया की कंप्यूटर को बहुत सारे कार्यो के लिए इस्तेमाल किया जाता है | और इसलिए ही कंप्यूटर के अलग अलग प्रकारों को इस्तेमाल होना भी स्वभाविक है | कंप्यूटर के प्रकार Types Of Computer नीचे दिए गए है |

पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer) – 

एक निजी कंप्यूटर (PC) को आम तौर पर आम आदमी की मुख्य जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया जाता है| इस प्रकार के कंप्यूटर को ख़ास तौर पर व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है| इन्हे आमतौर पर IBM कम्पेटेबल कंप्यूटर कहा जाता है | इसमें कम से कम एक इनपुट उपकरण एक आउटपुट उपकरण, एक स्टोरेज उपकरण और मैमोरी और प्रोसेसर होता है  जिसकी मदद से यह काम करता है | प्रोसेसर या फिर माइक्रो प्रोसेसर या फिर चिप पर बने सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट होते है | जो किसी PC को बनाने के मुख्य आधार है | 
पर्सनल कंप्यूटर ज़्यादातर बिज़नेस में इस्तेमाल होते है, और घरों में इस्तेमाल के लिए भी यह बहुत अधिक लोकप्रिय है | 
पर्सनल कंप्यूटर की श्रृंखला में IBM और एप्पल मैकिनटोश काफ़ी अधिक लोकप्रिय है | 
मैकिंटोश कंप्यूटर या मैक्स को एप्पल ने सन 1984 में बाज़ार में उतारा | मैकिंटोश कंप्यूटर पहले ऐसे घरेलू कंप्यूटर थे जो माउस, ों स्क्रीन विंडोज, मेन्यू और आइकॉन से युक्त थे | यही वो पहला कंप्यूटर था जिसने ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस को लोकप्रिय बनाया|  मैकिंटोश कंप्यूटर कई घरों में मिलते है | और ग्राफ़िक्स, पुब्लिशिंग और मीडिया इंडस्ट्री में काफ़ी लोकप्रिय है | 

नोटबुक कंप्यूटर ( Notebook Computer) – 

नोटबुक कंप्यूटर को लैपटॉप भी खा जाता है |  नोटबुक छोटे आकर और काम वजन वाले कंप्यूटर है जिसे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाया जा सकता है | ज़्यादातर लैपटॉप बैटरी से ही चलते है | और इन्हे एक  करके काफ़ी घण्टो तक इस्तेमाल किया जा सकता है | 

Personal Computer |Types of Computer | Types of computer in Hindi

लॅपटॉप वो सारे काम कर सकता है जो की एक कंप्यूटर करता है| आम कंप्यूटर के मुक़ाबले लैपटॉप महंगा होता है | एक लैपटॉप का कीबोर्ड सिस्टम यूनिट ही लगा होता है | और इसका मॉनीटर भी सिस्टम यूनिट से ही जुड़ा होता है | और साथ ही साथ अलग अलग तरीक़े की ड्राइव भी सिस्टम यूनिट पर ही लगी होती है | आज कल के ज़माने में एक लैपटॉप बिज़नेस मेन से लेकर स्टूडेंट तक, हर किसी के काम आता है | 

(पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट – (पी० डी० ए०) – 

Parts of Computer | Parts of computer in Hindi

पी० डी० ए० हाथों में आ जाने वाले ऐसे उपकरण है जिन्हें मुख्यतः पर्सनल ऑर्गनाइज़र के तौर पर डिज़ाइन किया गया था लेकिन अब इन्हे कई कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता है |  इसमें घड़ी, कैलेंडर, कंप्यूटर गेम्स, इंटरनेट, इ-मेल, रेडियो, वीडियो रिकॉर्डिंग, रिकॉर्डिंग नोट्स, एड्रेस बुक और स्प्रेडशीट जैसी सुविधाएं होती है | आज के जमाने में इनका उपयोग बतौर मोबाइल फ़ोन/ स्मार्टफोन के रूप मई किया जा रहा था | इनमें वेब ब्राउज़र, मीडिया प्लेयर, आदि सभी प्रकार के आधुनिक फ़ीचर्स  आते है | 
वि-फई , हॉटस्पॉट ब्लूटूथ, आदि तरीक़े की वायरलेस तकनीकों के माध्यम से इंटरनेट शेयरिंग और फाइल शेयरिंग जैसे काम भी आसानी से किये  है| इनमें इनपुट सेंसर और आउटपुट सेंसर टचस्क्रीन के पीछे लगे होते है |

कंप्यूटर के सिस्टम यूनिट के भाग (Parts Of Computer System Unit ) –   

कंप्यूटर का मुख्य भाग CPU होता हे, जो की सिस्टम यूनिट के अन्दर ही लगा होता है | CPU या सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट को ही कंप्यूटर का दिमाग़ कहा जाता है | इसके साथ साथ सिस्टम यूनिट के अन्दर ही सभी प्रकार के महत्वपूर्ण उपकरण लगे होते है | 

Parts of Computer | Parts of computer in Hindi.

सिस्टम यूनिट – (System Unit) – 

सिस्टम यूनिट को कई बार चेसिस या बॉडी भी कहा जाता है| यह एक बक्से की तरह दीखता है जिसके अन्दर डाटा को प्रोसेस करने वाले इलेक्ट्रॉनिक तत्त्व/उपकरण लगे होते है | सिस्टम यूनिट का यह बॉक्स/बक्सा अन्दर के इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स को सुरक्षा प्रदान करता है| हर कंप्यूटर में सिस्टम यूनिट होती है | 
अन्य उपकरण जैसे कीबोर्ड, माउस, माइक्रोफोन, प्रिंटर, स्पीकर, स्कैनर, कैमरा आदि सिस्टम यूनिट के माध्यम से ही कनेक्ट किये जाते है | 

मदरबोर्ड (Motherboard) – 

मदरबोर्ड को मैन बोर्ड  या सिस्टम बोर्ड भी कहा जाता है| यह मुख्य बोर्ड होता ह जिसमें सॉकेट लगे होते है और इससे अन्य बोर्ड भी जुड़ सकते है मदरबॉर्ड में बहुत साडी चिप लगी होती है जिनमे से – प्रोसेसर या सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट मुख्य है | 

Motherboard - Parts of Computer | Parts of Computer | Parts of computer in Hindi

सी० पी० यू (सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) – Computer CPU –

CPU को कंप्यूटर का दिमाग़ कहा जाता है कंप्यूटर से जुड़े हुए ज़्यादातर उपकरण किसी काम को करने के लिए CPU से  संचार करते है | 
CPU के चिप की गति गिगहर्ट्ज़ में मापी जाती है | CPU चिप की गति जितनी ज़्यादा होती है कंप्यूटर भी उतनी ही तेज़ी से काम करता है | आम तोर पर इन्टेल पेन्टियम के चिप की गति 500 मेगाहर्ट्ज। 933 मेगाहर्ट्ज, 1.0 गीगाहर्ट्ज, 2.0 गीगाहर्ट्ज, या और अधिक हो सकती है | 

सी० पी० यू (सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) -Parts of Computer | Parts of Computer | Parts of computer in Hindi

मेमोरी – (Memory ) – 

कंप्यूटर में मेमोरी की अहम भूमिका होती है | मैमोरी में वो डाटा जिसे प्रोसेस होना है और वो डाटा जो प्रोसेस हो चूका है दोनों मौजूद होते है | ये मैमोरी, डाटा, निर्देश और सूचनाये स्टोर करने की अस्थायी जगह होती है | प्राइमरी स्टोरेज कही जाने वाली ये मैमोरी और अन्य मैमोरिया  कई चिप्स से बनती है जो मदरबोर्ड या कंप्यूटर से किसी सर्किट बोर्ड पर लगी होती है | 

RAM (रेन्डम एक्सेस मेमोरी ) – 

RAM को ज़्यादातर मैमोरी ही कहा जाता है रैम में मेमोरी चिप्स लगी होती है जिन्हे प्रोसेसर की मदद से पढ़ा लिखा जा सकता है | जब कंप्यूटर चालू किया जाता है तब कुछ ऑपरेटिंग सिस्टम्स फाइलें, स्टोरेज उपकरण जैसे- हार्ड डिस्क से लोड हो कर रैम में आ जाती है| कंप्यूटर चलने तक यह फाइलें रैम में ही रहती है | कुछ अन्य प्रोग्राम और डाटा भी रैम में लोड हो जाता है | 
जब  रैम में होता है तो प्रोसेसर उसकी व्याख्या/आंकलन करता है| इस दौरान रैम के कंटेंट्स में बदलाव आ सकता है | रेम की क्षमता अगर ज़्यादा है तो वह एक साथ कई प्रोग्राम को संजोकर रख सकती है| जिस प्रोग्राम पर आप काम करते है वह कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखाई देता है | 

RAM (रेन्डम एक्सेस मेमोरी ) -Motherboard - Parts of Computer | Parts of computer in Hindi

ज़्यादातर रेम अस्थिर होती है | कंप्यूटर के बंद होते की यह अपनी कंटेंट्स खो देती है | इसलिए भविष्य में इस्तेमाल हेतु डाटा को सेव करना पड़ता है | 
RAM में मौजूद वस्तुओ को हार्ड डिस्क पर कॉपी करने की प्रक्रिया को सेविंग कहते है | 

ROM ( रीड ओनली मेमोरी) – 

रोम स्टोरेज मीडिया की श्रेणी में आता है जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है |  रोम में उपस्थित डाटा में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता | यह अस्थिर नहीं होती|  कंप्यूटर बंद होने के बाद भी इसके कंटेंट खोते नहीं ह बल्कि  रहते है | 
रोम की चिप में स्थायी डाटा, निर्देश और सूचनाएं होती है | उपकरण के तौर पर इसमें निर्देशों की श्रृंखला से युक्त बेसिक इनपुट/आउटपुट सिस्टम होता है जिससे कंप्यूटर स्टार्ट होते ही ऑपरेटिंग सिस्टम और अन्य फाइलें लोड हो  जाती है | 
अन्य कई उपकरणों में भी रोम चिप लगी होती है |  उदाहरण के लिए प्रिंटर  रोम चिप में फोन्ट से सम्बंधित डाटा होता है | 

एक्सपेंशन स्लॉट्स और एक्सपेंशन कार्ड्स – 

एक्सपेंशन स्लॉट एक स्लॉट होता है जिसकी मदद से सर्किट बोर्ड को मदरबोर्ड में लगाया जाता है | यह सर्किट बोर्ड कंप्यूटर में नये उपकरणों को जोड़ने या कंप्यूटर की क्षमता बढ़ाने का  काम करते है| उदाहरण के तौर पर इससे मेमोरी का विस्तार किया जा सकता है, ध्वनि से सम्बंधित उपकरणों और ग्राफ़िक्स तथा मॉडल की गुणवत्ता बढ़ायी जा सकती है | 
कई बार किसी उपकरण को या किसी आयाम को कार्ड के रूप में बनाया जाता है | अन्य कार्डो के साथ इस एक्सपेंसिव कार्ड को उपकरण जैसे स्कैनर से एक केबल की मदद से जोड़ा जाता है | 

पोर्ट्स – Ports – 

पोर्ट कंप्यूटर सिस्टम के पीछे लगा हुआ एक कनेक्टर या सॉकेट होता है | बाहरी उपकरणों जैसे कीबोर्ड, मॉनीटर, प्रिंटर और माऊस को सिस्टम यूनिट में ज़्यादातर एक केबल की मदद से जोड़ा जाता है| जिससे इन उपकरणों और कंप्यूटर बीच डाटा और सूचनाएं स्थानांतरित होती है | पोर्ट केबल को उपकरण से जोड़ने का काम करता है | केबल छोर सिस्टम यूनिट पर लगे पोर्ट से जुड़ा होता है और दूसरा छोर उपकरण से लगे कनेक्टर से | 

पावर सप्लाई – 

पावर सप्लाई अल्टरनेटिव करंट को डायरेक्ट करंट में बदलने का काम करती है और इसी से कंप्यूटर काम करता है| पावर सप्लाई की क्षमता को वाट्स में नापा जाता है |  एक औसत कंप्यूटर लगभग 250 वाट्स का इस्तेमाल करता है जबकी एक साधारण बल्ब 60 वाट्स बिजली से चलता है |  कंप्यूटर  भीतरी तापमान को पावर सप्लाई अंदर लगे पंखे मदद से नियंत्रित किया जाता है | 

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