Computer क्या है ? Computer in Hindi | पीढ़िया | उपलब्धियां…

घर हो स्कूल हो या दफ़्तर हो आज कल कंप्यूटर हर जगह मौजूद रहता आपके साथ में एक smartphone भी कंप्यूटर Computer का ही एक प्रकार है| 

Computer kya hai | Computer in Hindi
Computer kya hai | Computer in Hindi

रोज की जिंदगी में बहुत सारे काम ऐसे है जिनको करने के लिए हम कंप्यूटर की मदद लेते है| कंप्यूटर में हिसाब-किताब करना, शिक्षा संबंधी काम करना बहुत ही आसान हो जाता है | कंप्यूटर के हजारों उपयोग हो सकते है इसलिए आज के समय में कंप्यूटर हर किसी की जिंदगी का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है| 

Computer- शिक्षा, ज्ञान, विकास और मनोरंजन का एक बहतरीन समाधान है| 

Computer क्या है ? | Computer Kya Hai in Hindi | पीढ़िया  | उपलब्धियां |  – 

कंप्यूटर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो अपनी में मौजूद निर्देशों के आधार पर काम करता है| यह डाटा (Input) को ग्रहण करता है और  तय नियमों के अनुसार डाटा को व्यवस्थाबद्ध (प्रोसेस) करके परिणाम निकलता है| 

और साथ ही साथ उस डाटा को भविष्य के लिए Save (स्टोर) कर देता है| 

Computer मुख्यत दो डाटा पर चलता है | 

Input डाटा |  Input Data In Hindi) – 

जो डाटा किसी परिणाम को प्राप्त करने के लिए  कंप्यूटर में डाला जाता है, उसे इनपुट डाटा कहते है| 

Output डाटा | Output Data In Hindi ) – 

Input Data को प्रोसेस करने के बाद जो परिणाम स्वरूप जो डाटा प्राप्त होता है उसे आउटपुट डाटा कहते है| 
किसी भी डाटा का आउटपुट निकलने के लिए कंप्यूटर पहले इनपुट डाटा को प्रोसेस करता है और उसके अनुसार ही हमे आउटपुट डाटा प्रदान करता है| 

इनपुट युक्तियां | Input Devices In Hindi ) – 

वह युक्तिया/डिवाइस जिनकी मदद से किसी कंप्यूटर तक इनपुट डाटा भेजा जाता हे उन्हें इनपुट डिवाइस कहते है  – जैसे – माउस, कीबोर्ड, आदि| 

आउटपुट युक्तियां |Output Devices In Hindi) – 

वह डिवाइस जिनकी मदद से कंप्यूटर हम तक आउटपुट भेजता है|  output डिवाइस कहलाते है | जैसे की – मॉनिटर या कंप्यूटर स्क्रीन, 
(Touchscreen Mobile/ Smartphone एक ऐसा कंप्यूटर हे जिसमें इनपुट तथा Output डिवाइस एक साथ (टचस्क्रीन पर) लगे होते है) 

Computer हार्डवेयर | Computer Hardware in Hindi ) 

इलेक्ट्रॉनिक इलेक्ट्रिक और मैकेनिकल उपकरण जिनसे कंप्यूटर बनता है उन्हें हार्डवेयर कहते है | कंप्यूटर के जिन भागों को हम छू सकते है उन्हें हार्डवेयर कहते है |  जैसे की – कीबोर्ड, प्रिंटर,  माउस, मॉनीटर आदि सब हार्डवेयर की श्रेणी में आते है | 

सॉफ्टवेयर | Software In Hindi) – 

सॉफ्टवेयर निर्देशों की वह सँख्या है जिनके द्वारा हार्डवेयर कोई काम करता है | बिना सॉफ्टवेयर के हार्डवेयर व्यर्थ है | किसी भी काम को शुरू करने के लिए हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर से मिलने वाले निर्देशों पर निर्भर करता है | 
Software दो प्रकार के होते है – ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर| 

कंप्यूटर की पीढ़िया /इतिहास – (History of कंप्यूटर In Hindi ) 

Computer की 5 पीढ़ियों का वर्णन नीचे दिया गया है | Generation Of Computer In Hindi –

पहली पीढ़ी – पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की शुरुआत 1951 में यूनिवेक I (UNIVAC I ) के साथ हुई थी| इसमें वेक्यूम ट्यूब्स इस्तेमाल किया गया और इनकी मेमोरी तरल पारे और विद्युतीय ड्रम्स की पतली नली से निर्मित की गयी थी | 

दूसरी पीढ़ी – 1950 के दशक के अंत में दूसरी पीढ़ी के कम्पूटरो में वेक्यूम ट्यूब्स की जगह ट्रांजिस्टरों का इस्तेमाल किया जाने लगा  और मैमोरी (IBM 1401, Honeywell 800) के लिए मैगनेटिक कोर का निर्माण होने लगा| इससे कंप्यूटर का आकार छोटा हो गया और विविश्वसनीयता भी बढ़ गई| 

तीसरी पीढ़ी – तीसरी पीढ़ी के कम्पूटरो की शुरुआत 1960 के दशक के मध्य मे हुई| जिनमे पहली बार इंटीग्रेडिट सर्किट्स (IBM 360 A CDC 6400) और ऑपरेटिंग सिस्टम्स का इस्तेमाल हुआ | इनमें ऑनलाइन सिस्टम्स का बड़े पैमाने पर विकास हुआ| इस समय कम्पूटरो में पंचड कार्डस और विद्युतीय टेप्स का इस्तेमाल कर बैच पर आधारित प्रोसेसिंग हुआ करती थी | 

चौथी पीढ़ी – इनकी शुरुआत 1970के दशक के मध्य में हुई| समय कम्पूटरो को बनाने में चिप का इस्तेमाल होने लगा जिनके चलते छोटे प्रोसेसर्स (मइक्रोप्रोसेसर्स ) और निजी कंप्यूटर्स (पर्सनल कंप्यूटर्स ) अस्तित्व में आये| इस समय के कम्पूटरो में डिस्ट्रीब्यूटिड प्रोसेसिंग और ऑफिस ऑटोमेशन की शुरुआत हुई |  इस दौरान क्यूरी भाषाओ, रिपोर्ट राइट्स और स्प्रेडशीट्स की वजह से काफी संख्या में लोग कंप्यूटर  | 

पाँचवी पीढ़ी – पांचवी पीढ़ी के कम्पूटरो में कंप्यूटिंग के कई बहतरीन तरीको। जिसमें आर्टिफीसियल इंटेलिजेन्स और ट्र्यू डिस्ट्रिब्यूटेड प्रोसेसिंग को शामिल किया | 

कंप्यूटर से जुड़ी कुछ उपलब्धियां (1937 से 2006 तक ) – History

1937 –डॉ जॉन वी० एटनसॉफ और क्लीफोर्ड बेरी ने मिलकर पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर डिवाइस निर्मित किया | एटनसॉफ-बेरी-कंप्यूटर या फिर ए० बी० सी० के नाम से चर्चित यह कंप्यूटर डिजिटल कंप्यूटरो का आधार बना|  

1943 –द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश वैज्ञानिक एलेन ट्यूरिंग ने कोलोसस नमक कंप्यूटर अपने देश की फौज के लिए डिजाइन किया ताकि जर्मनी के गुप्त संदेशो को समझा जा सके|  इस कंप्यूटर के अस्तित्व को 1970 के दशक तक छिपाकर रखा गया| 

1945 –डॉ जॉन वॉन न्यूमैन ने स्टोर्ड प्रोग्राम के कॉन्सैप्ट पर कागज तैयार किये| मैमोरी में आंकड़े और प्रोग्राम स्टोर करने की उनकी तरकीब ने भविस्य के डिजिटल कम्पूटरो के निर्माण की नींव डाली| 

1948 –डॉ जॉन डब्लू मोचली और जे० प्रेस्पर एकर्ट जूनियर  ने आदमी के उपयोग के लिए पहले बड़े पैमाने के डिजिटल कंप्यूटर को बनाने का काम शुरू किया| ENIAC नामक इस कंप्यूटर का वजन ३० टन था, इसमें 18000 वेक्यूम ट्यूब्स लगी हुयी थी| 30 बटा 50 फुट की जगह घेरने वाला ये कंप्यूटर 160 किलोवॉट बिजली से चलता था| जब पहली बार इस कंप्यूटर को चलाया गया तब पुरे फिलेडेल्फिया छेत्र की बत्तियां मंद पद गयी थी | 

1951 –रेमिंटन रेन्ड ने वाणिज्यक इस्तेमाल का पहला डिजिटल कंप्यूटर UNIVAC I (यूनिवर्सल ऑटोमेटिक कंप्यूटर) बाजार में उतारा| 

1953 –I B M  नम्बर 650 उन शुरुवाती कम्पूटरो में से एक था जिसका इस्तेमाल था, जिसका इस्तेमाल लोगों ने बड़ी संख्या में किया| पहले IBM की योजना केवल 50 कंप्यूटर बनाने की थी लेकिन बाद में इस मॉडल की सफलता को देखते हुए इसके 1000 से भी अधिक कंप्यूटर बनाये गए | 

1957 –जॉन बेकस ने आसानी से  इस्तेमाल की जाने वाली प्रोग्रामिंग भाषा FORTRAN (फार्मूला ट्रांसलेशन ) की शुरुआत की | 

1958 –टेक्सॉस इंस्ट्रयूमेन्ट्स के जैक किल्बी ने इंट्रीग्रेटेड सर्किट का अविष्कार किया जिसके आधार पर ज़्यादा क्षमता वाली मैमोरी और तेज़ गति के कंप्यूटरो की नींव डाली| 

1960 –डॉ०  ग्रेस हॉपर की अध्यक्ष्ता में बनी समिति ने बिज़नेस की उच्च स्तरीय भाषा कोबोल का विकास हुआ | 

1965 –डार्टमाउथ के० जॉन केमेनी ने प्रोग्रामिंग भाषा बेसिक (BASIC) को विकसित किया जिसका इस्तेमाल निजी कम्पूटरो में बड़े पैमाने पर किया गया| डिजिटल इक्विवपमेंट कॉर्पोरेशन ने पहला छोटा कंप्यूटर पी० डी० पी०-8 बाज़ार में उतारा जिसका इस्तेमाल आज बड़े पैमाने पर टाइम शेयरिंग सिस्टम्स में बतौर इंटरफ़ेस है | 

1969 –संयुक्त राज्य के रक्षा विभाग के अंतर्गत ए० आर० पी० ए० द्वारा  ए० आर० पी० ए० एन० इ० टी० (एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी नेटवर्क) का विकास हुआ जो की विश्व का पहला ऑपरेशनल पैकेट स्विचिंग नेटवर्क था और ग्लोबल इंटरनेट के पूर्वज| 

1971 –इंटेल कॉर्पोरेशन के डॉ० टेड हॉफ ने छोटे प्रॉसेसर यानि की मइक्रोप्रोग्रामेबल कंप्यूटर चिप, इंटेल 4004 का विकास किया| 

1975 –जिरॉक्स पी० ए० आर० सी० (पॉलो ऑल्टो रिसर्च सेंटर) में कार्यरत रोबर्ट मेटकॉफ ने पहले स्थानीय नेटवर्क (LAN) अर्थनैट का विकास किया| लेन की मदद से विभिन्न कंप्यूटर आपस में आंकड़े, सॉफ्टवेयर इत्यादि बांट सकते है| 

1976 -स्टीव जॉब्स और स्टीव वॉजनायेक ने एप्पल का पहला कंप्यूटर बनाया| इसके तुरंत बाद एप्पल टू  विकास हुआ जो बेहद सफल हुआ | 

1979 –बॉब फ्रेकस्टन और डैन ब्रिक्लिन संयुक्त रूप से बनाया गया विसीकोल्क नामक एक स्प्रेडशीट प्रोग्राम बाजार में  लाया गया | विसिकोल्क प्रोग्राम एक मुख्य वज़ह जिसने व्यापार जगत में पर्सनल कम्पूटरो के इस्तेमाल को लोकप्रियता दिलायी|   

1980 -IBM ने माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के सह संस्थापक बिल गेट्स को बाजार में जल्द उतरे जाने वाले अपने पर्सनल कंप्यूटर के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम को विकसित करने का मौका दिया | एम० एस० डॉस की सफ़लता की बदौलत माइक्रोसॉफ्ट का काफ़ी विकास हुआ| 

1981 –पर्सनल कंप्यूटर बाज़ार में उतारते हुए IBM ने अपना पहला PC प्रदर्शित किया | 

1982 –IBM के पर्सनल कम्पूटरो को विकसित करने और उनका विपणन करने के लिए कॉम्पेक इंक की स्थापना की| 

1983 –लोटस डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की स्थापना हुई | लोटस सॉफ्टवेयर ( अब IBM का हिस्सा है ) के स्प्रेडशीट  प्रोग्राम लोटस 1-2-3 , ने IBM के पर्सनल कंप्यूटरो को पहली बड़ी सफलता दिलाई| इस प्रोग्राम की अपार कामयाबी की बदौलत IBM ने कॉरपोरेट जगत में अपने लिए खास जगह बनाई | 

1984 –ह्यूलेट- पैकर्ड (hp) ने अपने पर्सनल कंप्यूटर के लिए पहले लेजेरजेट प्रिंटर लाने की घोषणा की | एप्पल ने मैकिन्टोश नामक कंप्यूटर बाज़ार में उतारा जिसमें आसानी से सीखें जा सकने के लिए ग्राफ़िकल यूजर इंटरफ़ेस था| 

1987 –इस समय बहुत सारे कंप्यूटर बाजार  में उतारे गए, जो इंटेल 80386 से युक्त थे | 

1988 –इन्टेल 486, विश्वा का ऐसा पहला छोटा प्रॉसेसर बना जिसमें 10,00,000  ट्रांजिस्टर लगे थे| इन्टेल i 486 (486 या 80486 के नाम से भी जाना जाता है ) 32 बिट स्कलेर इन्टेल सीआईएससी मइक्रोप्रोसेसर था, जो कि इन्टेल 486 का हिस्सा था | 

1991 –विश्व व्यापी जाल यानिकी World Wide Web (WWW) कंसर्टियम ने उन मापदंडों को जारी किया, जिनमे विभिन्न कम्पूटरो के डाक्यूमेंट्स को आपस में जोड़ने का ख़ाका तैयार किया था| 

1992 –माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के तहत विंडोज 3.1 की श्रृंखला बाजार में उतारी | इसमें ट्र्यू टाइप फ़ॉन्ट्स, मल्टीमीडिया, ऑब्जेक्ट लिंकिंग और इम्बेडिंग जैसे आयाम जोड़े गये |  

1993 –मार्क एंड्रेसन ने ग्राफ़िक्स युक्त मोसाइक नामक वेब ब्राउज़र का अविष्कार किया | इसका सफलता से नेटस्केप कम्युनिकेशन्स कारपोरेशन संगठित हुआ | 

1994 –जिम क्लार्क और मार्क एंड्रेसन इ नेटस्केप की स्थापना की और वर्ल्ड वाइड वेब  ब्राउज़र, नेटस्केप नेविगेटर 1.0 को लॉन्च किया | 

1995 –ऑपरेटिंग सिस्टम को बहतरीन बनाते हुए माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज – 95 बनाया | विंडोज 95 खाश तौर से आम उपभोक्ता के लिए तैयार किया गया ग्राफ़िक्स युक्त इंटरफ़ेस आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम है| 

1997 –माइक्रोसॉफ्ट ने इंटरनेट एक्स्प्लोरर 4.0 की बदौलत इंटरनेट जगत में खास जगह बना ली | इन्टेल 7.5 मिलियन ट्रांजिस्टर युक्त प्रोसेसर पेन्टियम II को लेकर आया | 

1998 –माइक्रोसॉफ्ट  ने विंडोज 95 में बदलाव किये और विंडोज 98 जारी किया | विंडोज 98 से कंप्यूटर का प्रदर्शन बेहतर होने के साथ साथ यह इंटरनेट की दृष्टी से भी आच्छा साबित हुआ| इसकी ख़ास बात यह भी थी कि यह नयी पीढ़ी के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयरो के अनुकूल था| एप्पल ने अपने लोकप्रिय कंप्यूटर, मैकिंटोश का अगला संस्करण, आई मैक (iMAC) निकाला| 

1999 –इन्टेल ने मल्टीमीडिया की बहतर क्षमता वाला प्रोसेसर, पेन्टियम III जारी किया | माइक्रोसॉफ्ट ने आफिस 2000 को बाज़ार में उतारा | 

2000 –माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज 2000 और विंडोज M.E जारी किया | ऑफिस 2000 सुरक्षा और निर्भरता दृष्टि से पुराने संस्करण के मुक़ाबले बेहतर था| विंडोज M.E के नाम से जाना जाने वाला विंडोज मिलेनियम, 16 बिट / 32 बिट की क्षमता वाला ग्राफिकल युक्त ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे मुख्य रूप से घरेलू उपभोक्ताओं के लिए तैयार किया गया| इन्टेल ने पेन्टियम 4 प्रोसेसर की चिप बनायी जो 1.4 जिगा हर्ट्ज़ से शुरू होने वाली क्लॉक स्पीड युक्त थी| 

2001 –कंप्यूटर पर पढ़ी जाने वाली डिजिटल किताबों यानि eBooks का जन्म हुआ| माइक्रोसॉफ्ट ने ऑपरेटिंग सिस्टम में भारी बदलाव करते हुए डेस्कटॉप और सर्वर के लिए विंडोज – X.P निकाला | माइक्रोसॉफ्ट ने उसके बाद ऑफिस X.P निकाला जो नए जमाने के रिजल्ट्स देने वाले सॉफ़्टवेयरों की तरह था| 

2002 –माइक्रोसॉफ्ट ने डॉट नेट की कॉन्सेप्ट को लॉन्च किया जिसका इस्तेमाल वेब पर आधारित सेवाओं के सॉफ्टवेयर ऍप्लिकेशन्स को विकशित करने और चलाने के लिए किया गया | सी० डी०  (CD – RW) राइटर्स की जगह DVD राइटर्स ने ले ली | DVD में CD के मुकाबले आठ गुना ज़्यादा डाटा स्टोर करने की क्षमता होती है | 

2003 –तार-रहित कंप्यूटर और अन्य उपकरण जैसे – कीबोर्ड, माउस, होम-नेटवर्क और इंटरनेट आजकल आम चीजें हो गयी है|  मौजूदा ऑपरेटिंग सिस्टम्स WI.FI ( Wireless Fidelity) और ब्लूटूथ दोनों  के लिये अनुकूल है | कंप्यूटर निर्माताओं ने स्मार्ट डिसप्ले बनाने  शुरू कर दिये| स्मार्ट डिसप्ले हल्के वज़न वाले टच स्क्रीन मॉनिटर होते है जिससे आप पर्सनल कंप्यूटर को बिना तार के इस्तेमाल किये कही भी चला सकते है | 

2004 –भरी भरकम C.R.T मॉनिटर के बदले लोग फ्लैट पैनल वाला LCD मॉनिटर का इस्तेमाल करने लगे| एप्पल कंप्यूटर  पतली स्क्रीन वाले  आई मैक जी-5 नमक कंप्यूटर बाज़ार में उतारे | इनकी सिस्टम यूनिट मॉनिटर में ही लगी हुई थी | सर्वर बाज़ार में माइक्रोसॉफ्ट विंडोज, सन्स सोलारिस और यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम्स के विकल्प के रूप में लिनेक्स ऑपरेटिंग सिस्टम ने  बनाई | 

2005 –एप्पल ने जेब में समा जाने वाले आईपॉड ऑडियो प्लेयर निकला | मोबाइल उपकरण के रूप में लोग PDA मोबाइल के बदले स्मार्ट फ़ोन ज़्यादा पसंद करने लगे |   स्मार्ट फ़ोन, सेल्लूलर फ़ोन. ई-मेल, वेब ब्राउज़र, गाने वीडियो गेम्स, इनबिल्ट कैमरा और व्यक्तिगत सुचना प्रबंधन जैसी सुविधाओं से युक्त होता है|  

2006 –माइक्रोसॉफ्ट ने ऑफिस का न्य संस्करण पेश किया |  इन्टेल ने नये छोटे प्रोसेसरों की नयी श्रृंखला, पेन्टियम डी पेश की | मिस्क्रोसॉफ़्ट ने ऑपरेटिंग सिस्टम, विंडोज विस्टा का नया संस्करण बाज़ार म उतारा | विंडोज विस्टा विश्वा के सबसे लोकप्रिय वेब ब्राउज़र, इंटरनेट एक्स्प्लोरर 7 से युक्त था | एप्पल इन्टेल प्रोसेसर लगे हुए मैकिंटोश कंप्यूटर बेचना शुरू कर दिया | IBM ने सबसे तेज़ गति  करने वाले ब्लू जेने/ एल नामक सुपर कंप्यूटर का निर्माण किया| इसमें पलक झपकते ही लगभग 28 ट्रिलियन गणनाएं करने की क्षमता हैं | 

Similar Posts

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *